हम हार क्यूँ मान लेते हैं !!

जिंदगी में कभी कभी हम खुद भी नहीं समझ पाते की हम आगे क्यूँ नहीं बढ़ रहे है . हम वो क्यूँ नहीं कर पा  रहे हैं जिसे हम सचमुच में करना चाहते हैं. ऐसी कौन सी ताकत है जिसने हमें रोक रक्खा है.

इन सब सवालों का जवाब जब हम खोजने बैठते हैं तो हमें कुछ समझ में नहीं आता की हमने अपनी ये लिमिट्स क्यूँ बना रखी हैं.

क्यूँ हमने खुद को एक दाएरे में कैद कर रखा है. हम जानते हैं की हमारे अन्दर कुछ कर दिखाने योग्यता है- लेकिन फिर भी हम पता नहीं किस अनजान वजह से रुक जाते है.

अगर आपको भी इन सवालों ने परेशान किया है तो आज की इस कहानी को पूरा पढ़िए,

हो सकता है की ये कहानी आपने पहले भी सुनी या पढ़ी होगी लेकिन कहानी का लास्ट पार्ट ही आपके सारे सवालों का जवाब दे सकता हैं,

इसलिए जिन सवालों ने आपको परेशान कर रखा है उनका जवाब जानने के लिए थोडा वक्त जरुर दीजिये .


एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे बंधे हाथियों को देखा, और अचानक रुक गया. उसने देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है, वो सोच में पड़ गया की हाथी जैसे विशालकाय जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी सी रस्सी से बंधे हुए हैं!!!

इस रस्सी को वो जब चाहे तोड़ कर भाग सकते है लेकिन वो कोशिश भी नहीं कर रहे है, ऐसी कौन सी ताकत है जिसने इन हाथिओं को रोक रखा है.

उसने पास खड़े महावत से पूछा कि भला ये हाथी इतनी शांति से क्यों खड़े हैं और भागने का प्रयास क्यों नही कर रहे हैं ?

तब महावत ने कहा, ” इन हाथियों को छोटे पर से ही इन रस्सियों से बाँधा जाता है, उस समय इनके पास इतनी ताकत नहीं होती की इस बंधन को तोड़ सकें. बार-बार प्रयास करने पर भी रस्सी ना तोड़ पाने के कारण उन्हें धीरे-धीरे यकीन होता जाता है कि वो इन रस्सियों को नहीं तोड़ सकते, और बड़े होने पर भी उनका ये यकीन बना रहता है, इसलिए वो कभी इसे तोड़ने का प्रयास ही नहीं करते.”

“यकीन” जिसे हम विश्वास कहते हैं, बचपन से ही हमें ये यकीन दिलवा दिया जाता हैं की हम बंधे हुए हैं, हमारी लिमिट्स तय हैं और हम उससे आगे नहीं जा सकते.

क्यूंकि बचपन में हमारे अन्दर जोश ज्यादा और ताकत कम होती है इसलिए हम बहुत बार असफ़ल होते हैं.

हमें बार बार हर रोज ये याद दिलाया जाता है की तुम ये नहीं कर सकते और धीरे धीरे हमारा बाल मन इसे सच मानने लगता है.

फिर बड़े होने पर जब हम कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो यहीं मन हमें बार बार रोक देता है, और हम समझ नहीं पाते की हम क्यूँ बार बार रुक जाते हैं.

याद रखिये दोस्तो असफलता जीवन का एक हिस्सा है ,और लगातार प्रयास करने से ही सफलता मिलती है. यदि आप भी ऐसे किसी बंधन में बंधें हैं जो आपको अपने सपने सच करने से रोक रहा है तो उसे तोड़ डालिए |

आप हाथी नहीं इंसान हैं. इसलिए जब तक जान है तब तक प्रयास करना मत छोड़िये |

किसी ने बहुत सही कहा है

गरीब पैदा होना गुनाह नहीं है लेकिन
गरीब ही मर जाना बहुत बड़ा गुनाह है ….
٣٠ أيار مايو ٢٠١٩
Mi vida antes del Covid- 19 (IMPERFECTO) A-2
Profile Picture
Alejandra Santiago
٧ آب أغسطس ٢٠٢٠
팔랑귀
Profile Picture
Abby H
٧ آب أغسطس ٢٠٢٠
The Origins of popular English Idioms
Profile Picture
Jen Mc Monagle
٧ آب أغسطس ٢٠٢٠